Digital Life Certificate campaign: पेंशनधारियों के लिए बड़ा बदलाव – डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अब अस्पताल या घर से ही बनवाएँ

Digital Life Certificate campaign: हर साल पेंशन पाने वालों को यह दिखाना होता है कि वे अभी ज़िंदा हैं। इसे “लाइफ सर्टिफिकेट” कहा जाता है। पुराने समय में, पेंशनधारियों को बैंक जाकर या पेंशन कार्यालय जाना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने एक नया तरीका शुरू किया है — Digital Life Certificate (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट)

इस अभियान से पेंशनधारियों को बहुत सुविधा मिलेगी — घर बैठे प्रमाणपत्र मिलेगा और बैंक जाने की झंझट कम होगी।

यह कौन चला रहा है और कहाँ?

  • यह काम Department of Pension & Pensioners’ Welfare नामक विभाग कर रहा है।
  • इस अभियान को 300 शहरों में कैंप लगाकर शुरू किया गया है।
  • जिन पेंशनधारियों की हालत ठीक नहीं है (बुज़ुर्ग, बीमार, विकलांग) — उनके लिए अधिकारियों को घर या अस्पताल तक जाना पड़ेगा।

DLC (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) क्या है?

  • DLC एक इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र है — इसका मतलब है, इसे डिजिटल रूप से तैयार किया जाएगा।
  • इसे तैयार करने के लिए Jeevan Pramaan नामक सेवा है।
  • इस प्रमाणपत्र के लिए पेंशनधारियों का Aadhaar और Biometric (फिंगरप्रिंट / चेहरे की पहचान) का इस्तेमाल होता है।

कैसे काम करेगा यह अभियान?

नीचे वह प्रक्रिया है जिसे अपनाया जाएगा:

  1. पेंशनधारियों को नज़दीकी कैंप में बुलाया जाएगा, जहाँ वे DLC बना सकेंगे।
  2. यदि कोई पेंशनधारी कैंप नहीं पहुँच पाता — जैसे बहुत बूढ़े हों या बीमार हों — तो अधिकारी घर या अस्पताल जाकर उनकी मदद करेंगे।
  3. पहचान के लिए Aadhaar और biometrics (उदाहरण: फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन) का उपयोग होगा।
  4. प्रमाणपत्र बनने के बाद DLC को ऑनलाइन सब्मिट किया जाएगा और पेंशन जारी रखने में यह काम आएगा।

इसके फायदे (लाभ)

यह योजना कई तरह से पेंशनधारियों के लिए उपयोगी होगी:

  • बैंक / कार्यालय जाने की ज़रूरत कम होगी — बुज़ुर्गों को रास्ते तय नहीं करना होगा।
  • समय की बचत — लंबी कतारों में खड़े रहने की बुराई खत्म होगी।
  • सहजता — घर बैठे सुविधा मिलेगी।
  • डिजिटल सशक्तिकरण — अधिक लोग डिजिटल तरीके सीखेंगे और इसका उपयोग करेंगे।

चुनौतियाँ / समस्या संभावनाएँ

हर योजना में कुछ मुश्किलें हो सकती हैं:

  • दूरदराज इलाकों में इंटरनेट / मोबाइल सुविधा कमजोर हो सकती है।
  • पेंशनधारियों में से कुछ लोगों को डिजिटल टेक्नोलॉजी समझने में दिक्कत हो सकती है।
  • खराब नेटवर्क या तकनीकी समस्या आने से प्रमाणपत्र प्रक्रिया रुक सकती है।
  • प्रमाणपत्र बनाने में पहचान त्रुटि हो सकती है — जैसे चेहरे की पहचान न हो पाना।

पिछले अनुभव / सफलता

पिछले DLC अभियानों ने अच्छे परिणाम दिए हैं:

  • DLC अभियान 3.0 में करोडों प्रमाणपत्र बनाए गए। Press Information Bureau+1
  • Post Office / IPPB द्वारा घर पर सेवा देने का प्रावधान भी पहले से है। Press Information Bureau+1

निष्कर्ष

Digital Life Certificate अभियान पेंशनधारियों के लिए एक बहुत बड़ी राहत है। यह प्रमाणित करता है कि सरकार उनकी सुविधा और सम्मान को ध्यान में रख रही है।

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