PM Vishwakarma Skill Development Scheme 2025: Artisans और Craftsmen के लिए सुनहरा मौका

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में कारीगरों और शिल्पकारों का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी कला और कौशल सदियों से हमारी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं। लेकिन आधुनिक युग में, इन पारंपरिक कारीगरों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने ‘PM Vishwakarma Skill Development Scheme 2025’ की शुरुआत की है, जो कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल को उन्नत करने, आधुनिक उपकरणों से लैस करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।

योजना के प्रमुख लाभ

1. कौशल उन्नयन प्रशिक्षण

योजना के तहत, लाभार्थियों को दो प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं:

  • बेसिक ट्रेनिंग: 5-7 दिनों का प्रशिक्षण, जिसमें आधुनिक तकनीकों का परिचय दिया जाता है। इस दौरान, प्रति दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाता है।
  • एडवांस ट्रेनिंग: 15 दिनों या उससे अधिक का गहन प्रशिक्षण, जिसमें उन्नत तकनीकों और उद्यमिता कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस प्रशिक्षण के दौरान भी प्रति दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है।

2. टूलकिट प्रोत्साहन

प्रशिक्षण के दौरान, लाभार्थियों को 15,000 रुपये तक के ई-वाउचर प्रदान किए जाते हैं, जिनका उपयोग वे अपने कार्य के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरण खरीदने में कर सकते हैं।

3. बिना गारंटी का ऋण

योजना के तहत, कारीगरों को दो चरणों में कुल 3 लाख रुपये तक का बिना गारंटी का ऋण प्रदान किया जाता है:

  • पहला चरण: 1 लाख रुपये का ऋण, जिसे 18 महीनों में चुकाना होता है।
  • दूसरा चरण: पहले ऋण के समय पर भुगतान के बाद, 2 लाख रुपये का अतिरिक्त ऋण, जिसे 30 महीनों में चुकाना होता है।

इन ऋणों पर मात्र 5% की रियायती ब्याज दर लागू होती है, जिसमें सरकार द्वारा 8% की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है।

4. डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, योजना के तहत लाभार्थियों को प्रति डिजिटल लेनदेन 1 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है, जो प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन तक सीमित है।

5. विपणन समर्थन

कारीगरों के उत्पादों की बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए, सरकार गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन और प्रचार जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।

पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:

  • आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक को पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार के रूप में कार्यरत होना चाहिए।
  • आवेदक को असंगठित क्षेत्र में स्व-रोजगार के रूप में कार्य करना चाहिए।
  • पिछले 5 वर्षों में किसी समान सरकारी योजना के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए।
  • परिवार में केवल एक सदस्य इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
  • सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

आवेदन प्रक्रिया

योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है:

  1. पंजीकरण: आधिकारिक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करें।
  2. आधार प्रमाणीकरण: आधार कार्ड के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
  3. प्रशिक्षण: बेसिक या एडवांस ट्रेनिंग में भाग लें और प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
  4. ऋण आवेदन: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, ऋण के लिए आवेदन करें।
  5. टूलकिट प्रोत्साहन: प्रशिक्षण के दौरान प्रदान किए गए ई-वाउचर का उपयोग करके आवश्यक उपकरण खरीदें।

महत्वपूर्ण तिथियां

योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2028 है। हालांकि, सरकार इस तिथि में बदलाव कर सकती है, इसलिए आवेदकों को आधिकारिक पोर्टल पर नवीनतम अपडेट देखते रहना चाहिए।

निष्कर्ष

PM Vishwakarma Skill Development Scheme 2025 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल उनके कौशल को उन्नत करने में मदद करती है, बल्कि उन्हें वित्तीय सहायता और आधुनिक उपकरणों से लैस करके उनके व्यवसाय को भी सशक्त बनाती है। यदि आप एक कारीगर हैं, तो इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं। याद रखें, देर हुई तो नुकसान!

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